Corona ka manovaghyanik Asar



                                  कोरोना का खौफ !






कोरोना
वायरस जिसका नाम आज बच्चा-बच्चा जानता है जिसने एक महामारी का रूप ले लिया है  जिसके कारण हजारों लोग रोज संक्रमित हो रहे हैं। इसके कारण आज सभी के दिलों दिमाग में खौफ सा पैदा हो गया है शारीरिक विकार के साथ अनेक मनोविकार भी सामने रहे हैं। आइए जानते हैं क्या है को रोना? क्या सावधानियां रखना है ,कैसे   इसके खौफ से बचना है ?क्या करें कि इसका खौफ हमारे दिमाग से निकल जाए और कोई मनोविकार उत्पन्न ना हो।                                                    1. कोरोनावायरस क्या है-कोरोना  एक सूक्ष्म विषाणु है इसलिए इसका नाम को रोना पड़ा क्योंकि यदि हम माइक्रोस्कोप से देखें तो इसके ऊपर क्राउन की तरह एक परत होती है ।                                      2. लक्षण -यह भी एक सामान्य फ्लू की तरह है किंतु यह      


संक्रमण शील बीमारी है सामान्य फ्लू की तरह इसके लक्षण होते हैं सर्दी खांसी होना, बुखार आना ,सिर दर्द होना ,गले में खराश सांस लेने में तकलीफ, निमोनिया किंतु अब इसके कुछ अन्य लक्षण भी उभर कर सामने रहे हैं पैरों की उंगलियों का नीला  लाल हो जाना ,उनमें सूजन आना ,नाखून नीले हो जाना ,पेट दर्द होना उल्टियां होना  ऐसे अनेक नए लक्षण सामने रहे हैं ।        3.यह वायरस कैसे काम करता है -यह वायरस शवसन तंत्र और फेफड़े को प्रभावित करता हैः वायरस के कारण फेफड़ों में बलगम बढ़ जाता है निमोनिया हो जाता है ।सांस लेने में तकलीफ होने लगती है ।ऑक्सीजन की कमी होने लगती है ।            4.सावधानियां,-सावधानी ही बचाव है और  बचाव ही उपाय है -                       ,                                                    1. भीड़-भाड़ वाली जगह पर ना जाएं   ,                                          .      2. छीकने और खाँस ने वालों से दूर रहे ,                                      3.चेहरे पर मास्क  पहने ,95 मास्क ज्यादा प्रभावी है         4.अनजान और विदेशी व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें  ।         5. मांँस मीट से बचकर रहें ।                            6. सैनिटाइजर साबुन का इस्तेमाल करें ।                 7. स्वच्छता और हाइजीन का रखें ध्यान।                                                              

   
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                 डब्ल्यूएचओ ने इसके लिए गाइडलाइन जारी की है जिसका सभी को पालन करना अनिवार्य है डब्ल्यूएचओ का मानना है कि  अब हमें कोरोना के साथ ही जीना होगा

 अत हमें अपने जीवन शैली को बदलना होगा ।अनुशासन से ही इसे नियंत्रित किया जा सकता है। डब्ल्यूएचओ ने कुछ गाइडलाइन जारी की है -जैसे                                                     1.ऑफिस में टिफिन शेयर ना करें ,                                        2. पानी घर से ही ले जाए           3. बाहर जाते समय दस्ताने पहने                                                                                                4. सफर के दौरान ढीले और लंबे कपड़े ना पहने,                               5. यदि आपको एटीएम जाने की आवश्यकता है तो पहले कीबोर्ड फिर एटीएम कार्ड को सेनीटाइज कीजिए ,                                6.नगद भुगतान की बजाय डिजिटल भुगतान करें ,                7.लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें,                                         


8.फल सब्जी और अन्य खाद्य सामग्री को धोकर धूप में सुखाया जाए ,                                                                                        9.सबसे महत्वपूर्ण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए। कोरोनावायरस  का सबसे महत्वपूर्ण उपाय है सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात लोगों से दूरियां बनाए रखन क्योंकि यह रोग संचारी है संक्रमण से फैलता है इसलिए लोगों से दूरियां बनाकर रखें। ध्यान रहे की सोशल डिस्टेंसिंग का आशय को रोना संक्रमित लोगों की उपेक्षा करना, यह उन्हें तिरस्कृत करना नहीं है। कैसे बढ़ाएं  इम्यूनो सिस्टम- बोस्टन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ माइकल होली कहते हैं कि जिस व्यक्ति   की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है अधिक जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं।

कैसे बढ़ाएं  इम्यूनो सिस्टम  -                                       1.विटामिन डी इस रोग में अत्यंत सहायक है अतः रोज धूप का सेवन करें ।                                              2.विटामिन सी युक्त आहार लें आंवला ,नीबूसं,तरा आदि का सेवन करें ।गरम पानी ज्यादा से ज्यादा पीए              3.गर्म पानी में नमक और हल्दी डालकर गरारे करें।                   4. केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा आयुर्वेदिक काढ़ा तैयार या गया है उसका सेवन करें तुलसी  दालचीनी लॉन्ग आदि का अधिक से अधिक उपयोग करें      

कोरोनावायरस का खौफ- वैज्ञानिकों एवं मनो चिकित्सकों का मत है कि कोरोनावायरस  के कारण खौफ का माहौल पैदा हो गया है ।ऐसे में तनाव लंबे समय तक बना रहा तो सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है ।डॉक्टरों का मत है कि एक हद तक चिंता करना वाजिब है किंतु इसके बारे में लगातार पढ़ते रहने से शारीरिक और मानसिक तौर पर बुरा असर पड़ता है ।चिंता और घबराहट के कारण  हार्ट डिजीज होना,, पाचन खराब होना, इम्यून सिस्टम कमजोर होना, हाइपरटेंशन आदि बीमारियां हो रही है ।लॉस एंजिल्स के चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट जेनिफर जॉनसन कहते हैं कि को रोना के कारण लोगों में  चिड़चिड़ा हट बढ़ती जा रही है। लोगों का मानसिक स्वास्थ्य खराब हो रहा है मनोविकार सामने रहे हैं ।लोगों में कारोबार  डूबने, नौकरी जाने, बेघर होने ,बीमार होने आदि का खौफ बढ़ता जा रहा है। हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के चिकित्सकों का मत है कि दिन-रात कोविड-19 की चर्चा करने की बजाय पॉजिटिव सोच लाने के लिए कार्य किए जाएं।                        1. अपना दिमाग रचनात्मक कार्यों में लगाए-अपने शौक को बढ़ावा दे चाहे वह पेंटिंग ,राइटिंग ,डांसिंग जो भी हो जब हम अपनी पसंद के कार्य करते हैं तो इससे हमारे मन को अच्छा लगता है मन खुश हो जाता है और तनाव छूमंतर हो जाता है                   2.अपनी सोच को सकारात्मक बनाएं   -यदि आप पॉजिटिव सोच रखते हैं तो आप इस जंग को जीत सकते हैं अभी हाल ही में यह खबर पेपर की सुर्खियों में थी कि एक स्पेनिश महिला जिसकी उम्र लगभग 113 वर्ष की थी उन्होंने अपनी पॉजिटिव सोच और हिम्मत के द्वारा इस बीमारी को मात दी इस महिला ने अपने समय में हुए सिविल वार को भी देखा उस समय भी उसे स्पेनिश फ्लू था ।ऐसे कई उदाहरण हम रोज पेपर में देखते हैं जिसमें यह पढ़ने को मिलता है कि कैसे अपने हिम्मत और आशावादी सोच के कारण बच्चे और बूढ़े जो सबसे ज्यादा संक्रमण के दायरे में हैं भी इस बीमारी को हराकर दोबारा एक नया जीवन शुरू

 कर रहे हैं                                                                                 3.आंकड़े देखकर घबराए नहीं _कोरोनाके  आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं  संक्रमित ओं की संख्या भी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। दुनिया भर में बढ़ते इन आंकड़ों को देखकर घबराइए मत ,इससे मानसिक तनाव और चिंता अधिक बढ़ेगी। सिर्फ और सिर्फ इस बात पर ध्यान केंद्रित कीजिए कि कैसे हमें संक्रमण से बचना है, कौन कौन सी सावधानियां रखनी है ,क्या उपाय करें ,कैसे   प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए।यदि हम बढ़ते हुए आकँडे देख कर घबराएंगे  तो हाइपरटेंशन के सिवा कुछ हासिल नहीं होगा।

4. मनोरंजक कार्य करें- इस संकटकाल में  व्यक्ति चिंतित है माहौल बोझिल है आदमी अंदर से डरा और सहमा हुआ है ।ऐसे में अपने दिमाग को ऐसे कार्यों में लगाएं जिसमें आपका मनोरंजन होता है चाहे वह मूवी देखना हो या गेम खेलना। किसी भी मनोरंजक कार्य से अपने को जोड़े रखें -इससे माइंड रिलैक्स होगा चिकित्सकों का मत है कि ऐसा करने से आपकी बॉडी के रिलैक्सेशन प्रदान करने वाले हार्मोन स्रावित होते हैं। आपको मानसिक शांति मिलती है।


5.शंका
और आशंका में ही डूबे ना रहे -  कोरो ना  के इस काल में आप सतर्क रहें सावधान रहें किंतु दिन-रात शंका और आशंकाओं मै ही डूबे ना रहे ।मुझे ऐसा हो गया तो परिवार का क्या होगा ?बच्चों को कुछ हो गया तो? ऐसा दिन रात ना सोचे, अच्छा सोचे उन लोगों की उदाहरण याद करें जिन्होंने इस बीमारी को हराया है। इससे आप का मनोबल बढ़ेगा। दिन-रात शंका आशंकाओं के भंवर जाल से अपने दिमाग को फ्री रखें                             6.सिर्फ कोरोना  की खबरें तक ही जानकारी सीमित ना हो-   माना कि इस समय टीवी मोबाइल न्यूज़पेपर सभी जगह को रोना की खबरें हैं दिन रात को रोना के  आकँडे ना देखें कहांँ कितने आंँकड़े बड़े हैं क्या स्थिति है सिर्फ हमारी जिज्ञासा यहीं तक सीमित नहीं रहना चाहिए। यदि आप दिन रात इन्हीं खबरों तक अपने दिमाग को केंद्रित रखेंगे तो चिंता और तनाव  बढ़ना स्वाभाविक है। इसीलिए शासन के द्वारा इस समय रामायण ,महाभारत आदि  सीरियल शुरू किए गए हैं  ताकि व्यक्ति इन्हें देखकर रिलैक्स हो। आप भी अपने दिमाग को भी  विकेंद्रित कीजिए ।                                                                      7.योग और व्यायाम करें -प्राणायाम कपालभाती आदि योग एवं   व्यायाम करने से व्यक्ति का श्वसन तंत्र एवं फेफड़े स्वस्थ रहते हैं। शारीरिक और मानसिक विकार उत्पन्न नहीं होता है ।यह सच है कि कोरोना के कारण विश्व में त्राहिमाम मचा हुआ है ।संक्रमितोकी संख्या  दिन रात बढ़ती जा रही है।संक्रमण का दौर है अतः आप इस बीमारी को हल्के में ना लें सतर्क र हें ,सावधान रहें ,शासन एवं स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा जारी की गई गाइड लाइनों का पालन करें ।जब तक आप  अनुशासित नहीं होंगे तब तक कोई बाहरी शक्ति है आप को नियंत्रित नहीं कर सकती   कोरोना की जंग जीतने के लिए स्व अनुशासन आवश्यक है।

  अत्यधिक चिंता और सोच विचार से डिप्रेशन टेंशन की समस्या बढ़  ती जा रही है।  ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जो डिप्रेशन की    कारण काउंसलरऔर मनोचिकित्सकों से परामर्श ले रहे हैं ।दिनोंदिन मनोविकार बढ़ते जा रहे हैं  अतः संकट की इस घड़ी में अपने शरीर और मन मस्तिष्क दोनों को स्वस्थ रखिए तभी आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी तभी आप  को रोना के इस जंग को जीत पाएंगे।


 


 


Comments

  1. सबसे अच्छी बात यह है कि टीवी आदि की न्यूज़ ना देखें नकारात्मक समाचार ना सुने और लगातार इसकी खबरें ना सुने घर में लूडो खेलने चैस खेलें बहुत सारे काम है जो किए जा सकते हैं आपने यह बहुत अच्छा लेख लिखा

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  2. बहुत ही सही तरीके से अपने लिखा है

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  3. बहुत सही परामर्श -----

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  4. अच्छी जानकारी

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  5. डरने की आवश्यकता नहीं. जानकारी के लिए आभार

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