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  अनलॉक  - व्यस्त रहें सतर्क रहें- 
कोरोनावायरस जिससे आज लगभग संपूर्ण संसार त्रस्त है जिसने संपूर्ण संसार को हिला कर रख दिया है ।उसके बढ़ते हुए संक्रमण को  रोकने के लिए लॉक डाउन का निर्णय लेना पड़ा किंतु लॉक डाउन की वजह से हमारी अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई बे पटरी हो गई लाखों लोगों का काम धंधा और रोजगार प्रभावित हुआ इसीलिए जनजीवन को सामान्य बनाने और अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने के लिए हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी को जून के प्रारंभ में अनलॉक का निर्णय लेना पड़ा ।।                

                                                               
                                                           
अनलॉक में क्या रियायत मिली-  अनलॉक होते ही जनजीवन फिर से सामान्य हो गया है कुछ नियमों एवं शर्तों के साथ बाजार दुकान सभी खुल चुके हैं ।सभी कार्यालय खोल दिए गए हैं यातायात के साधन पुनः प्रारंभ हो गए हैं।  यात्राओं पर भी प्रतिबंध नहीं रहा है। मॉल रेस्टोरेंट मंदिर भी कुछ कुछ समय बाद   खुल ही जाएंगे। कुल मिलाकर सभी सुविधाओं को पुनः खोल दिया गया हे                          

                           अनलॉक में सावधानी हटी दुर्घटना घटी -हमारे यहांँ एक वाक्य प्रचलित है सावधानी हटी और दुर्घटना घटी जैसे ही हम लापरवाह होते हैं दुर्घटना फौरन घट जाती है लगभग ढाई महीने से पूरे देश में   लाकडाउन लागू कर दिया गया था ।हम सभी अपनी जान बचाने के लिए घरों में दुबक कर बैठे थे। मंगल ग्रह पर कदम रखने की चाह रखने वाला मनुष्य अपने ही घर में कैद होकर रह गया था।

 अनलॉक में चारदीवारी में रहने की बंदिशों से आजादी मिली है। कल तक जहांँ बाहर निकलने और घूमने फिरने की इच्छा प्रबल हो रही  थी अनलॉक ने  छड़ी घूमाते ही उस इच्छा को पूरा कर दिया है किंतु अनलॉक होते ही हमें बेपरवाह नहीं होना है क्योंकि  लॉकडाउन   खत्म हुआ है  कोरोना नहीं। कल तक जहांँ कोरोना के आंँकड़े हजारों में थे आज संख्या लाखों में है आंँकड़ा बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है। संक्रमण की दर दोगुनी हो गई है। डब्ल्यूएचओ का मानना है कि जून तक भारत में लगभग 5 से  6लाख तक के केस हो जाएंगे आज भारत संक्रमित मरीजों की संख्या में विश्व का चौथा देश बन गया है। डब्ल्यूएचओ का मानना है कि जून-जुलाई में यह संक्रमण  पीक पर रहेगा ।माननीय प्रधानमंत्री जी ने मन की बात कार्यक्रम में लोगों को सतर्क करते हुए कहा है कि तमाम सावधानियों के साथ अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा खुल गया है अब एहतियात की सबसे बड़ा हथियार है।

 सावधानी ही सुरक्षा- ,.            कल तक जहांँ हम घर पर थे सुरक्षित थे किंतु  अनलॉक होते ही हमें फिर से अपने  कामकाज पर लौटना है किंतु बाहर कदम कदम पर संक्रमण का खतरा है। खुद अपने रक्षक बने और अपनी सुरक्षा के खुद नियम बनाइए।                                                                                                                                                                                         1.आवश्यक कार्य होने पर ही घर से बाहर निकलिए सिर्फ घूमने फिरने और मौज मस्ती के उद्देश्य से बाहर ना निकले।        2.हम भारतीय मेल मिलाप और सामाजिकता के लिए विश्व प्रसिद्ध है ।लॉकडाउन के कारण लोगों से मिलना जुलना आना-जाना सब प्रतिबंधित था किंतु अब तो अनलॉक हो गया है कोई बंदिश नहीं कहीं भी जा सकते हैं   रुकिए अभी कुछ दिन और लोगों से मेल मिलाप से बच कर  रहिए।                                                                                                                                                         .3.भीड़ वाली जगह पर जाने से बचे थिएटर ,बाजार ,मॉल रेस्टोरेंट्स ,मंदिर सब खुलने वाले हैं मन तो होगा कि चलो बहुत दिन हो गए हैं थोड़ा घूम आए किंतु भीड़भाड़ से अभी बच कर रहना है। आवश्यक कार्य से निकलना पडे तो सोशल डिस्टेंस का पालन कीजिए ।       4 मास्क पहनना , सेनीटाइज करना ,सोशल डिस्टेंस का पालन करना इन सभी बातों को अपनी आदत में लाना है। जब यह आदतें हमारे जीवन में शामिल हो जाएगी तब यह सब कार्य करना हमें झंझट नहीं लगेगा ।                            5ऑनलाइन पेमेंट को अपनी आदत बनाएं। दुकानों पर जाने से बचे ऑनलाइन डिलीवरी को ही प्राथमिकता दें।                                                                   6. साफ सफाई एवं स्वच्छता का रखें ध्यान गर्मी जाने के लिए चौखट पर खड़ी है और बारिश आने के लिए दस्तक दे रही है बारिश के आते ही चारों ओर गंदगी ज्यादा फैल जाती है। ऐसे समय साफ सफाई और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।                   7. सेहत के प्रति लापरवाह ना हो  अनलॉक होते ही सभी दुकानें होटल रेस्टोरेंट सभी खुल गए हैं। लॉकडाउन में जहांँ घर का बना खाना खा रहे थे वहां अब बारिश की सुहावने मौसम में बाहर का चटपटा खाने का मन होगा किंतु कोरोना के  कारण आपको मन को वश में करना होगा। बाहर के खाने पीने से परहेज करना होगा। बारिश के मौसम में प्यास कम लगती है किंतु फिर भी हमें ज्यादा से ज्यादा

 पानी पीते रहना है। इस मौसम में सर्दी खांसी का संक्रमण अधिक फैलता है इसलिए  इम्यूनिटी पावर स्ट्रांग करें। अदरक, तुलसी हल्दी, लॉन्ग आदि का सेवन करें ताकि आप सर्दी खांसी से दूर रहें। 8


योग एवं व्यायाम अवश्य करें अनलॉक होते ही हमारा जीवन फिर व्यस्त हो जाएगा। * इस व्यस्तता में भी हमें योग व्यायाम  आदि के लिए समय निकालना है। इसी से हम सेहतमंद बने रहेंगे। अनलॉक होते ही हमारी खुद की प्रति जिम्मेदारी बहुत ज्यादा बढ़ गई है अब हमें खुद अपने प्रति बहुत ज्यादा जागरूक  सचेत रहना होगा प्रसिद्ध जीव विज्ञानी डार्विन ने बहुत पहले सर्वाइवल आफ फिटेस्ट का सिद्धांत दिया था जिसमे बताया है कि इस धरा पर वही जीवित रहेगा जो सर्वाइव कर पाएगा। आज के संदर्भ में यह सिद्धांत अत्यंत प्रासंगिक है। कोरोना के इस काल में वही सरवाइव कर पाएगा जो     सचेत और जागरूक होगा। माननीय प्रधानमंत्री जी ने  जहांँ घर में रहे सुरक्षित रहे का नारा दिया थाआज वही अनलॉक में व्यस्त रहें सतर्क रहें का नारा देकर  आवाह किया है कि अनलॉक में शासन प्रशासन के नियमों का पालन करें उन्हें सहयोग प्रदान करें   एवं व्यस्त रहें सतर्क रहें।


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